Monday, May 18, 2020

बाल गीत-४


अमिताभ सिन्हा रचित बालगीत
  स्वरचित ककहरा पर आधारित बालगीत प्रस्तुत है। शायद आपको और बच्चों को भी पसंद आये 

१०)च
चाची के पति का भाई कौन ?
जल्दी बोलो रहो न मौन।
छोटू बोला मेरे पापा ।
भैया बोला मेरे ताऊ

होने लगी जब झगड़ा झुगडी ।
धींगा मुस्ती बहसा बहसी।
दादी ने तब पास बुलाया ।
धीरे से उनको समझाया ।
चाचा के भैया है पापा।
पापा के भैया है ताऊ।
तुम दोनों ही सही हो छोटू।
तुम हो भाई वो है भाउ ।
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HTML5 Icon११)छ 
छत पर काला बन्दर आया।
सारा केला उसने खाया।
मुन्ना यह सब देख रहा था।
करूं क्या करूं सोच रहा था।
नाना! नाना! जल्दी आना ।
इस बन्दर को मार भगाना।
जिम जाम भी लेकर आना।
पेट का चूहा भी है भूखा ।
थोड़ा रोटी जाम भी लाना ।
१२)ज
जलेबी गोल गोल।
मुंह में देती मिस्री घोल।
बर्फी बनती है चौकोर ।
मुन्ना खाता इसको तोड़।
रस में डूबा है रसगुल्ला।
सब खाते बिन हल्लागुल्ला ।
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१३) झ
झरबेरी में खोई बॉल ,
गली प्रीमियर लीग की बॉल ।
ढूंढो एडी ढूंढो उम्मी।
ढूंढो सिद्धि ढूंढो टुन्नी।
मेरी कोई कहाँ सुनता है ।
कहा था मारे कोई न सिक्सर ।
कल से बॉल तुम्हें ही लाना ।
मारा था क्यों तुमने सिक्सर ?
तभी दिख गयी सबको बॉल।
देखो वहां उस तरफ है बॉल।
ढूंढ लिया है हमने बॉल।
चलो खेलते अब फुटबॉल।

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