अमिताभ सिन्हा रचित बालगीत
स्वरचित ककहरा पर आधारित बालगीत प्रस्तुत है। शायद आपको और बच्चों को भी पसंद आये ।
स्वरचित ककहरा पर आधारित बालगीत प्रस्तुत है। शायद आपको और बच्चों को भी पसंद आये ।
१०)च चाची के पति का भाई कौन ? जल्दी बोलो रहो न मौन। छोटू बोला मेरे पापा । भैया बोला मेरे ताऊ। होने लगी जब झगड़ा झुगडी । धींगा मुस्ती बहसा बहसी। दादी ने तब पास बुलाया । धीरे से उनको समझाया । चाचा के भैया है पापा। पापा के भैया है ताऊ। तुम दोनों ही सही हो छोटू। तुम हो भाई वो है भाउ । | |
११)छ छत पर काला बन्दर आया। सारा केला उसने खाया। मुन्ना यह सब देख रहा था। करूं क्या करूं सोच रहा था। नाना! नाना! जल्दी आना । इस बन्दर को मार भगाना। जिम जाम भी लेकर आना। पेट का चूहा भी है भूखा । थोड़ा रोटी जाम भी लाना । | |
१२)ज जलेबी गोल गोल। मुंह में देती मिस्री घोल। बर्फी बनती है चौकोर । मुन्ना खाता इसको तोड़। रस में डूबा है रसगुल्ला। सब खाते बिन हल्लागुल्ला । | |
१३) झ झरबेरी में खोई बॉल , गली प्रीमियर लीग की बॉल । ढूंढो एडी ढूंढो उम्मी। ढूंढो सिद्धि ढूंढो टुन्नी। मेरी कोई कहाँ सुनता है । कहा था मारे कोई न सिक्सर । कल से बॉल तुम्हें ही लाना । मारा था क्यों तुमने सिक्सर ? तभी दिख गयी सबको बॉल। देखो वहां उस तरफ है बॉल। ढूंढ लिया है हमने बॉल। चलो खेलते अब फुटबॉल। |
Wonderful 👍👍👍
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