Wednesday, May 6, 2020

#यात्रा वृतांत चैन्रै, बैंगलूरू , कुर्ग:भारत का स्कॉटलैन्ड


मौका मिलते ही कहीं घूम आने की चाहत और फितरत बहुत सी जगहों का सैर करा देती है। कुछ ऐसा ही मौका था 2017 में । जब हम भांजे अनिमेष के सगाई के कार्यक्रम में भाग लेने चैनैई गए हुए थे। वहाँ से बैंगलूरू होते हुए राँची जाने का प्लान था और बैंगलूरू से राँची की ट्रेन साप्ताहिक थी । इस विधि बौंगलूरू में 2-3 दिनों का Stop over मिल रहा था। बस फिर क्या था हमने अपने भांजे अमृतेष से मैंगालूरू में मिलने का प्रोग्राम बना लिया रास्ता कुर्ग हो कर था और अमृतेष के माता पिता भी साथ थे। मेरा पुत्र सोमिल और प्रपौत्र सिद्धान्त भी बैंगालूरू तक साथ थे। होटल और टैक्सी ओंन लाईन बुक राँची से चलने से पहले ही कर लिया गया था। 20 फरवरी को एक दो जगहें चैनैई में भी घूम लिया गया। रात में हम ट्रेन से बैंगलूरू के लिए निकल पड़े।

A beach at Chennai

Crocodile park Chennai
२१ फरवरी को हम पूरे दिन बैंगलूरू घूमें आखिर सिद्धान्त यहीं से दिल्ली लौट जाने वाला जो था।

बैंगलूरू

Cubbon Park

Viswasraiyya Tech. Museum

Lal Bagh

Vidhan Sauda

Govt. Aquarium

Lal Bagh

कोट वेंकटस्वामी मंदिर
कुर्ग के रास्ते में
22 फरवरी को हम कुशाल नगर में बौद्ध मठ और कावेरी का उदगम स्थल निसर्ग धाम होते हुए मेडिकेरे के लिए रवाना हो गए और सीधे राजा का सीट, राजा का कोर्ट और ओंकारेश्वर मंदिर होते हुए रात तक होटल पहुंचे। पहले हालेरी वंश (कलादि नायक)  कुर्ग के राजा थे । 1834 में ब्रिटिश ने अपना शासन कुर्ग पर स्थापित कर लिया । आजादी के बाद 1956 तक मैसूर राज्य में विलय तक कुर्ग अलग राज्य था। 


नैमड्रोलिंग बौद्ध मठ

बौद्ध मठ

बौद्ध मठ

निसर्ग धाम

बौद्ध मठ

निसर्ग धाम

निसर्ग धाम

निसर्ग धाम

राजा का सीट

राजा का कोर्ट

ओंकारेश्वर मंदिर

दुवारे हाथी कैम्प

ओंकारेश्वर मंदिर
आबे फॉल

आबे फॉल के रास्ते में

राजा का सीट

23 फरवरी को हम मैंगलूरू के लिए सुबह ही निकल लिए और दिन भर घुमने के बाद शाम को मेडिकेरे लौट आए। मैंगलूरू में हमनें समुद्र के किनारे कुछ समय बिताने के बाद एक आकर्षक मन्दिर और कुछ और जगहें भी देख आए। 24  फरवरी को हम मेडिकेरे से सुबह सुबह निकल पड़े और आबे फॉल और दुबारे एलीफैंट कैंप होते हुए शाम तक बंगलुरु लौट आए और ट्रेन से रांची के लिए रवाना हो गए ।



गोकर्णनाथेश्वर मंदिर

गोकर्णनाथेश्वर मंदिर

गोकर्णनाथेश्वर मंदिर

पनाम्बुर बीच 

पनाम्बुर बीच 

पनाम्बुर बीच 


Mangaladevi Temple


  • कुद्रोली श्री गोकर्णेश्वर मन्दिर विल्वा समुदाय के मुखिया के द्वारा 1912 में बनवाया एक आकर्षक मन्दिर है और मैंगालूरू का एक महत्वपुर्ण आकर्षण हैं।  पनाम्बूर बीच में कई टूरिस्ट गतिविधियाँ होती है। हम लोग मंगलादेवी मंदिर भी गए।

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