Saturday, May 16, 2020

बाल गीत-३


अमिताभ सिन्हा रचित बालगीत


ककहरा पर  आधारित स्वरचित  बालगीत प्रस्तुत है। शायद आपको और बच्चों को भी पसंद आये ।


बाल गीत की सूची
बाल गीत-२
बाल गीत-३
बाल गीत-४
बाल गीत-५
बाल गीत-६
बालगीत-७
बालगीत८

६)क
कबूतर जब घर में घुस आया।
तन्नु को चिल्लाना आया।
दांत निपोड़ हँस पड़ा कबूतर।
भैया दौड़ा लेकर हंटर।
हटंर को फिर यूं लहराया।
डरा कबूतर मार भगाया।

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७)ख
खरबुजा ले भागा बन्दर।
खाने बैठा छत के उपर ।
खरबूजे में मिर्च डली थी।
खाते ही रो पड़ा वो बन्दर।

८)ग
गोल मोल होती है रोटी
गोल मोल होती है दुनिया ।
रानी सेंके रोटी बढ़िया ।
राजा जी पानी भर लाये  ।
धो पोछ बरतन चमकाये ।
राजमहल में खुशी छा गयी।
प्रिन्सेज जब स्कूल से आए।
उसके नखरे उसकी बाते ।
पूरे दिन फिर चलती जाए।

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९)घ
घड़ी टंगी दिवाल पर
करती टिक टिक टिक ।
देर हो रही स्कूल को
मुन्नी कहती रूक ।
मुन्नी कहती रूक पर
समय नहीं युँ रुकता।
समय बड़ा अनमोल है
नहीं दुकानों में बिकता।

2 comments:

  1. Very nice and simple, relatable poems for children!!

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  2. वर्णमाला पर आधारित आपकी रचनाएं रोचक हैं, सरस हैं, पठनीय हैं, सराहनीय हैं।

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