पतरातु पर पुराने ब्लॉग के लिए यहां क्लिक करें
आखिर नया साल आ ही गया। मैंने 31 दिसम्बर 12 बजे से कुछ देर ही पहले सबको Happy New Year का मेसेज भेज दिया। जब आतिशबाजी हुई और नया वर्ष का आगमन हो गया तब मैंने अपना मोबाइल चेक किया तो देखा मेरे मैसेज के आगे लिखा था yesterday 23:59 और जिन लोगों ने देर से मैसेज भेजे उनके आगे लिखा था today 00:08 ! ऐसा लगा जैसे मैंने ही देर से मैसेज भेजा।
रांची में नया साल मानाने के कई तरीके है।
झरने के आसपास पिकनिक
रांची के पास बहुत सारे फॉल है जिसमे कुछ के बारे में कोरोना काल में ही पता चला था। उस समय यू ट्यूबरस ने नयी नयी जगहें ढूंढ निकाली। रांची के आस पास प्रसिद्ध झरने है - हुंडरू , दसम, जोन्हा , हिरणी , पञ्चघाघ, सीता और रजरप्पा फॉल्स जहां नए साल में भीड़ की संभावना है । पर कई झरने रांची से के 150 km के परिधि में है जो काम प्रसिद्द है और थोड़ा दुर्गम भी जैसे भटिंडा, बघमुंडा और पेरवा घाघ। सबसे ऊँचा लोध फाल्स जो करीब 200 km दूर है उसे रांची के पास का नहीं माना जा सकता। पर जाने वाले जाते ही है। खास कर बंगाल के लोग जिनका wanderlust प्रसिद्ध है।
होटल और माल्स
रांची में कई मॉल है जिनमे सिनेमा हॉल है , रेस्टोरेंट या फ़ूड कोर्ट है जैसे - ऑय लेक्स , स्प्रिंग सिटी -फन सिनेमा , संध्या टावर , न्यूक्लूयस मॉल, PJP मॉल , मॉल ऑफ़ रांची , JD स्ट्रीट मॉल, सुजाता या फिर अपना पुराना GEL काम्प्लेक्स। पिछले वर्ष पहले हम न्यूक्लियस माल PVR Cinema गए थे।
रेस्टोरेंट्स
कावेरी, रैडिसन , कैपिटल हिल , कैपिटल रेजीडेंसी , ग्रीन एकर्स , ग्रीन होराइजन , मोती महल ,BNR
रांची के करीब स्थित पर्यटक स्थल
इनके अलावा आप नए साल में 100 km के भीतर भी कही जा सकते है - रजरप्पा , सुर्य मंदिर बुंडू - देवरी मंदिर । नेतरहाट / बेतला को मैंने नहीं INCLUDE किया है। वहां जाने के लिए एक से ज्यादा दिनों का प्लान बनाना पड़ेगा। हमें इस बार नए साल पर फिर से पतरातू जाने का मौका मिला अपने साढ़ू और साली (विजय बाबू और डेज़ी ) के साथ। हम चारो सीनियर्स ने मिल कर वहां बोटिंग की लॉन / मचान रेस्टोरेंट में खाना खाया धमाल मचाया। घूमे फोटोबाज़ी की और लौट आये । दो साल में मेरा यह 4th पतरातू का ट्रिप था और दूसरी बार बोटिंग की। पहली बार पोते पोती के साथ - बच्चों के साथ उनके माता पिता और पितामह ने बहुत मजा किया। तब चप्पू बोट या शिकारा से बोटिंग की थी और करीब 40 मिनट लगे थे इस बार मोटर बोट थे थोड़ा स्पीड का मजा लिया और 20 मिनट में लौट आये। चिनिया बादाम और लज़ीज़ लंच का मजा लेते हमने करीब पांच घंटे बिताये और घर लौट आये। बोटिंग के तीन रूट / रेट थे - सेंट्रल द्वीप जाकर लौटना -₹ ७५०/- , द्वीप में रुकना खाना खा सकते है। ₹ १५०० /- लम्बा चक्कर डैम तक जा कर लौटना ₹२२०० /-। हमने ₹७५०/- का लिया था जो सही भी है यदि खाने का समय न हो तो सेन्ट्रल द्वीप में कुछ खास करने का नहीं है बोरिंग हो जाएगा और पैसे लगेंगे वो आलग । हमने island के लिए boat ली थी पर वास्तव में डैम तक जा कर ही लौटे।
JTDC और पर्यटन विभाग ने पतरातु डैम / लेक के आसपास अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई है। और पतरातू वैली / लेक अब तो बहुत लोकप्रिय जगह बन गयी है। मैं सिर्फ छह बार ही पतरातू गया हूँ। दो बार जब जब फोर लेन रोड नहीं बना था - तब बहुत सारे U बेंड और तीखी चढ़ाई के साथ इस शार्ट ट्रिप का भय मिश्रित थ्रिल कुछ और है और अब सेफ रास्ते को देखने का आनंद कुछ और है। एक बार बस से और एक बार ड्राइव कर के। २०२२ के बाद से चार बार जा चुका हूं। लेक में पहले कोई सुविधा नहीं थे बोटिंग या कुछ और , पर अब सारी सुविधा है। लेकिन JTDC के होटल में कमरे बढ़ाने की जरूरत है । बोटिंग के लिए पांच छह जेटी है उसे थोड़ा और सुरक्षित बनाने की जरूरत है जैसा बोट क्लब का जेटी है वैसा सभी प्राइवेट जेट्टी होना चाहिए। बोट क्लब में रु १०० प्रति व्यक्ति का टिकट है पर प्राइवेट बोट वाले उनके टिकट घर तक आने के पहले ही पर्यटकों को आकर्षित कर लेते है इनको मार्केटिंग करने की जरूरत है जैसे बोट क्लब का काउंटर सरोवर विहार होटल में हो और एक काउंटर मुख्य प्रवेश के टिकट काउंटर के पास।
हमारा घूमना अच्छे से हो गया अब भी जाये और आनंदित हो कर आये। सभी को नव वर्ष की शुभकामना के साथ मै विदा लेता हूं, पढ़ते रहे मेरा ब्लॉग।
Thursday, January 2, 2025
नया साल 2025
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
I have been there only once and that too ages ago. The only thing I remember are the narrow, steep hilly roads with the scary U-bends. The other thing I remember is fua's house with the large rooms and high ceiling.
ReplyDeleteSanu that was our first trip by bus. Next trip was when we went for Dipu ji's marriage by Maruti 800. Amitabh (author)
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपके साथ घूम कर । हम अकेले होते तो एंजॉय नहींकर पाते ।
ReplyDeleteSame here .. हमलोग किसी शापिंग मॉल या सिनेमा हॉल में नया साल मनाते उससे बहुत अच्छा हुआ। : अमिताभ
Delete