Tuesday, June 25, 2024

पंचायत season 1 Ep2 पर पेरोडी भुतिया पेड़

पंचायत season 1 episode 2 भुतिया पेड़ और सोलर लाइट

अभिषेक त्रिपाठी यानि सचिव जी अपने CAT के तैयारी में लगे हैं। आपको तो पता ही होगा वह आफिस में ही रहता है। रात को जागते हैं इसलिए सुबह सहायक विकास द्वारा आफिस का दरवाजा खटखटाने या पीटने पर नहीं जागते और विकास उन्हें खिड़की खटखटा कर जगाता है और कहता है "दोपहर होने को आया और आप अभी तक सो रहे हैं? हम तो घबड़ा‌ गए थे। बहुत देर से दरवाजा पीट रहे हैं।

अभिषेक : जब छ बजे पूरा गांव उठ कर बैठ जाएगा तब नौ बजे दोपहर ही लगेगा

विकास मोमबत्ती खरीद लाया है। अभिषेक उसे पैसा देते हुए उसका दाम पूछता है। विकास का उत्तर सुनिए।‌

विकास: ऐसे तो आधा दर्जन का ५० रूपया मांग रहा था पर हम मोल भाव कर सस्ते में ले आए।

सचिव जी : कितने में दिया ?

४८ रू में। उसके पास चेंज नहीं था सो २ रूपए का पेठा ले लिए सोचे सुबह सुबह आपका नश्ता भी हो जाएगा।

विकास उसे एक और इमरजेंसी लाइट खरीदने की सलाह देता है और अभिषेक झल्लाया सा हैन्ड पंप पर नहाने जाता है। वहां बार बार अभिषेक का टूथ ब्रश और पेस्ट नीचे गिर जाता है। वहां दोनो के बीच हुए संवाद सुनिए।

विकास : नौकरी एकदम्मे पसंद नहीं आ रहा है न‌ सर। अच्छा है सर हम खुद्दे यहां नौकरी होने के बाद आर्मी के बहाली में दौड़े थे। पर मेडिकल में छटा गए थे।
आदमी को हमेशा कुछ न कुछ अच्छा करने का कोशिश करते रहना चाहिए, हम तो कुछ नहीं कर पाए पर आपमें प्रतिभा है सर। मन लगा के पढ़िए ..

अभिषेक: इलेक्ट्रिसिटी रहे तब तो कोई पढ़ें। मुश्किल से चार पांच घंटे मिलते हैं वो बीत जाते हैं लाइट जलाते बुझाते। कभी ये इमरजेंसी चार्ज करो कभी वो इमरजेंसी डिम करो।

विकास: सर वैसे आज का पंचायत मीटिंग सोलर लाइट को लेकर है न ।



बिजली और गांव
बिजली जब जाती है तो कहां जाती है?
जाती है तो फिर चली भी आती है।
पर आने में बहुत देर लगाती है।
जब भी आती है खुशियां ही लाती है।
आते जाते, जाते आते थक नहीं जाती?
जब जाती है जिंदगी थम सी जाती।
काश‌ वो दिन जल्दी आ जाय
जब बड़े शहरों की तरह
गांवों में भी बिजली कभी न जाय ।


पंचायत के मीटिंग में प्रधान‌ जी ने बताया कि १० लाइट वार्ड मेंबर के यहां लगेगा और २ सोलर लाइट प्रधान और उप प्रधान के यहां लगना तय है, सिर्फ १३ वें लाइट का निर्णय लेना है। झिझक के कारण सचिव जी बोल नहीं पाते कि १३ वीं लाईट पंचायत आफिस पर लगना चाहिए और पंचायत में निर्णय लिया जाता है कि १३ वीं लाईट भुतहा पेड़ के पास लगेगा चाहिए ताकि लोग उस पेड़ के पास बे खौफ जा सके। पूरे फुलेरा में भूत के होने के पक्ष में विचार व्यक्त किए जाने लगे।

पेड़ का भूत
बचपन में मैं समझता था कि इमली के पेड़ पर भूत होते हैं। होते हैं क्या?

भुतिया पेड़ रास्ते पर खड़ा है
आने जाने वालों को डराने में लगा है
सूखी पत्तियां चारों तरफ बिखरी पड़ीं है
पत्तियों की आवाज काल बेल की तरह
भूतों को जगा रही है।
डरावनी घास , जंगल, झाड़ियां , झड़बेरी
भुतिया पेड़ के चारों तरफ उग रही है।
मानों आने वालों को ठग रही है।
आओ भूतों को डरा दे भगा दे
पेड़ के छांव में तीन रात बिता दे

अभिषेक का 'सोलर लाइट को पंचायत आफिस में लगाने का', प्लान फेल होता देख विकास मजाक मजाक में एक सुझाव दे बैठता है "सर एक उपाय है भूत भगा दिजिए" । उसे क्या पता यह सुझाव उसे ही मंहगा पड़ने वाला था। अभिषेक अंधेरा होने पर विकास को साथ लेकर भुतहा पेड़ के पास जाता है। विकास डरा हुआ है और अपनी पत्नी खुशबू को फोन करता है:

"खुशबू हम नहीं लौटे तो तुम दूसरा शादी कर लेना समझ लेना हमारा तुम्हारा साथ यहीं तक था। और उपर वाला कमरा में बाबुजी के बक्सा में २५ चांदी का सिक्का रखा है तीन चार महीना का काम चल जाएगा। .. मोटरसाइकिल से नहीं न कूद सकते हम हेल्मेट नहीं पहने हैं ..."
अभिषेक : अच्छा तो है पेड़ । कुछ भी तो नहीं कर रहा।
विकास : सर पेड़ है बच्चा नहीं कि चच्चा आए है तो नाच गा के दिखा देगा।
अभिषेक : पेड़ गाता भी है।
विकास : नहीं सर यह दौड़ाता है ।
अभिषेक: इतना मोटा जड़ है यह कैसे दौड़ा सकता है? हमें क्यों नहीं दौड़ा रहा ?
विकास: (क्या जाने शायद) मन नहीं होगा ।


विकास ने बताया कि पिछली बार ३ साल पहले किसी को दौड़ाया था। अभिषेक और विकास एक एक कर उन सभी के पास जाता है जिसे पेड़ ने पहले कभी दौड़ा चुका होता है। सभी खड़खड़, कड़कड़ या धमधम की आवाज सुन दौड़ पड़े थे पर मुड़ कर किसी ने नहीं देखा था। सभी के अपने कारण। एक ने कहा "आगे दौड़ते समय पीछे देखने से गिर सकते हैं और ऐसे मौके पर गिरना सही नहीं होगा।" कईयो से पूछने के बाद पता चला १४ साल पहले मास्टर को सबसे पहले पेड़ ने दौड़ाया था। मास्टर साहब ने दिलेरी से कहानी बता दी कि उन्होंने पिछे मुडकर देखा था। पेड़ जमीन से एक मीटर उपर दौड़ रहा था।

मास्टर के घर से निकलते समय अभिषेक मास्टर जी से पूछता है : स्कूल कैसा चल रहा है?"
मास्टर अच्छा, पर आप क्यों पूछ रहे हैं?
अभिषेक : वो नई DM मैडम आई है थोड़ी स्ट्रिक्ट सी है, वही पूछ रही थी मै उनको बता दूंगा स्कूल अच्छा चल रहा है, सिर्फ विज्ञान के टीचर भूत प्रेत पर विश्वास करते हैं। पता नहीं कैसे लेगी । यह तो बताने के बाद पता चलेगा। डरने की कोई बात नहीं सिर्फ स्ट्रिक्ट है कुछ करती वरती नहीं है।

उस रात अभिषेक आफिस में अपने दोस्त को यह सब बता रहा होता है तब दरवाजे खटखटाने की आवाज आती है, दोस्त जो भूत पर विश्वास रखता पहले खिड़की से देख लेने की सलाह देता है पर अभिषेक दरवाजा खोल देता है।
मास्टर साहब बताने आया था "सब सही बताए थे सिर्फ एक बात नहीं बताए कि उस रात पहली बार चिलम पिए थे। चिलम पीने से ऐसा ही लगता है आप एक बार पी कर देखिए। "
अभिषेक: जब नशा उतरा तो गांव वालों को सच क्यों नहीं बताया?
मास्टर जी: नई नई नौकरी थी नशे की बात पता चलती तो नौकरी चली जाती।



बात प्रधानजी के यहाँ पहुँचती है। मंजूदेवी को जब सब पता चलता है तो वह चुपचाप उठ कर जाती है और एक बेलन ले आती है और मास्टर की बेलन से पिटाई शुरू हो जाती है ।
मंजूदेवी : इस गंजेरी के चलते हम दो बार गिरे है। भूत के डर से रिंकी पे पापा इतना तेज़ मोटर साइकिल चलते है की। एक बार घुटना फुंटा और एक बार ६००० की साड़ी फट गयी।
मास्टर जी : प्रधान जी जितना पीटना हो यही पीट लीजिये गांव में पता नहीं चलना चाहिए।
उप प्रधान प्रह्लाद जी : गांव में नहीं बताएँगे तो सबका डर कैसे जायेगा ?
प्रधान जी : उसका भी एक उपाय है, सचिव जी सोच रखे है - बताईये सचिव जी
अभिषेक : लोगों का डर भागने प्रधान जी पेड़ के नीचे तीन रात सोयेंगे । गावं वालों के कहेंगे भूत भगाने के लिए प्रधान जी अपने जान की परवाह भी नहीं किये।
उप प्रधान : इससे तो वोट भी मिलेगा -(सचिव जी की तारीफ करते हुए) मास्टरस्ट्रोक
अब बात १३ वे सोलर लाइट पर आ जाती है।
मंजू देवी : उसको भी प्रधान के घर पर ही लगा दीजिये। प्रधान के घर दो सोलर लाइट होगी तो कोई दिक्कत है सचिव जी ?
अभिषेक (हिचकिचाते हुए ) : थोड़ी दिक्कत तो है - ज्यादा हो जायेगा लोग बातें बनाएंगे।
विकास : प्रधान जी हम कह रहे थे की वो तेरहवां लाइट है न उसको पंचायत ऑफिस के सामने लगवा देते हैं। बहुत अँधेरा हो जाता है। डर भी लगने लगता है।
विकास का प्रस्ताव मान लिया जाता है और अभिषेक का अभिप्राय सिद्ध हो जाता है‌।
क्रमशः

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