Monday, June 1, 2020

एलोरा- चट्टानों पर किया महानतम प्रयोग (#यात्रा)

MENUचट्टानों पर किया महानतम प्रयोग जैन गुफाएँहिन्दू गुफाएंबौद्ध गुफाएं

जब हमारी यात्रा कार्यक्रम को बदलना पड़ा !

2012 में हमारी योजना सिर्फ नाशिक और शिरडी की तीर्थ यात्रा पर जाने की  थी, पर जैसा हमेशा मेरे साथ होता रहा हैैै, जब  यात्रा पर जाने का प्रोग्राम बना तो मेरे मन में आस पास घूम आने की इच्छा जाग गई। हमारे शिर्डी यात्रा के सुत्रधार मेरे छोटे बहनोई कमलेश बाबु थे और उन्हें पूणे जाना था,  उनके प्रोग्राम में औरगांबाद फिट बैठता था अतः एलोरा- अजंता की गुफाओ को घूमने का प्रोग्राम बना। शिर्डी से हम बस से औरगांबाद गए और दो दिन के लिए एस० यू० वी ०  बुक कर लिया गया।  घृष्णेश्वर ज्योतिरलिंग का अभिषेक करने के बाद पहला पड़ाव एलोरा की गुफाए थी। और दूसरे दिन हम अजंता भी गए । अजंता पर मेरा ब्लॉग देखे ।

आस पास की जगहों के दृश्य

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औरंगाबाद के होटल के प्राइवेट डाइनिंग एरिया घृष्णेश्वर ज्योतिरलिंग 
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एल्लोरा गुफा में कल्याण सुन्दर मूर्ति बीबी का मकबरा
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दौलताबाद फोर्ट लेटे हुए हनुमान की मंदिर खुल्ताबाद

एलोरा चट्टानों पर किया महानतम प्रयोग

जहाँ अजंता अपने चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं, एल्लोरा अपने अद्वितीय मूर्तिकला के लिए इसे- "चट्टानों पर किया महानतम प्रयोग"   कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहाँ की गुफाए एक आर्ट गैलरी की तरह है, दीवार फर्श और छत पेन्टिगं के वजाय चट्टानों को काट कर बनाई मुर्तियों से सजी है। एलोरा में भी कई चित्र है पर अच्छी अवस्था में नहीं है।  एलोरा एक यूनेस्को विश्व धरोहर है और दुनिया का सबसे बड़ा मठ-मन्दिर गुफा समुह । औरगांबाद  से 30 कि॰मि॰ की दूरी पर स्थित है। गाड़ी से हम पहले गुफा समूह उत्तर की तरफ गये। गुफा स० 29-21 पार्किंग से नज़दीक था। सभी गुफाएँ सीधी खड़ी चट्टान को काट कर बनाई गई हैं । गुफा 30-34 जैन गुफा है। 13-29 हिन्दू गुफा और शेष 1-12 बौद्ध गुफा है जो दक्षिण के तरफ है।  गुफाओं काे 600-1000 ईसा पूर्व में बनाया गया। सबसे प्रसिद्ध गुफा है गुफा न० 16 जिसे कैलाश मन्दिर भी कहते हैं । 757-783 ई० के बीच राष्ट्रकुट राजा कृष्ण 1 ने इस गुफा का निर्माण पत्थर को उपर से नीचे की ओर तराश कर करवाया । यानी मन्दिर का कंगूरा पहले बना फिर नीचे गढ़ते गढ़ते मन्दिर बना।एलोरा में छोटा कैलाश भी है और है एक इन्द्र सभा। इनके आलावा 25-30 छोटी गुफाए भी है जैसे गणेश लेनी या जोगेश्वरी गुफा जो हम नहीं गए।
पहले  हम लोग 29 न० गुफा के पास वाले पार्किंग में रुके  और आस पास की गुफायों को देख कर  32  न० गुफा के तरफ गए  और जैन गुफाओं को देख आये. अंत में गुफा न० 16 (कैलाश) के पास रुके और गुफा न० 16 से 1 तक देख आये. कुछ गुफाओं का मरम्मत हो रही थी  और बाहर से देख कर संतोष करना पड़ा । पार्किंग के पास चाय नाश्ते की दुकान भी है
सबसे पहले जैन गुफाओं के बारे में बात करते हैं 
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जैन गुफाएँ

एलोरा में पाँच जैन गुफाएँ 9 वीं और  10 वीं शताब्दी की हैं। वे सभी दिगंबर संप्रदाय के हैं। जैन गुफाएँ जैन दर्शन और परंपरा के विशिष्ट आयामों को प्रकट करती हैं। ये गुफाएं तप के एक सख्त अर्थ को दर्शाती हैं - वे दूसरों की तुलना में अपेक्षाकृत बड़े नहीं हैं, लेकिन वे असाधारण रूप से विस्तृत कला कार्यों को प्रस्तुत करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिर छोटा कैलाश (गुफा 30), इंद्र सभा (गुफा 32) और जगन्नाथ सभा (गुफा 33) हैं। गुफा 31 एक अधूरा चार-स्तंभ वाला हॉल/ मंदिर है। गुफा 34 एक छोटी गुफा है,जिसे गुफा 33 के बाईं ओर से प्रवेश किया जा  सकता है।  
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गुफा न० ३२-३४ गुफा न० ३२
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गुफा न० ३३ गुफा न० ३४
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गुफा न० ३२ गुफा न० ३० छोटा कैलाश
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गुफा न० ३३-सर्वानुभूति गुफा न० ३२

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हिंदू समूह की गुफाएं

हिंदू समूह (गुफाएं 13 से 29)।  इन गुफाओ का निर्माण सातवीं से नवमी शताब्दियों के बीच हुआ था । रचनात्मक दृष्टि और निर्माण >के कौशल के संदर्भ में, ये गुफाएं अतुलनीय  हैं।  इन गुफाओं में  गुफा न० 14, 15, 16, 21 और 29 ज्यादा प्रसिद्ध है 
गुफा न० 13 एक सरल गुफा है, जो संभवतः एक आनाज भंडार था। गुफा न० 14 सम्भवतः  एक बौद्ध विहार था  जो 7 वीं शताब्दी में किसी समय शिव को समर्पित मंदिर में परिवर्तित हुई थी।
गुफा 15, को दसावतर (विष्णु के दस अवतार) गुफा भी कहा जाता है।गुफा न० 16 , एलोरा  के बेहतरीन मंदिरों में से एक है। तीन मंजिला मंदिर में एक शिव नटराज से और एक शिव लिंगम  से उभरते हैं, जबकि विष्णु और ब्रह्मा श्रद्धांजलि देते हैं। गुफाएँ 17 से 20 और गुफाएँ न० 22  से 28  सरल मठ हैं। गुफा न० 21, जिसे रामेश्वर गुफा के रूप में जाना जाता है, में पहले के मंदिरों में दर्शाए गए परिचित शैव दृश्यों की रोचक व्याख्याएँ हैं। मकर (पौराणिक समुद्री जीव) पर खड़ी देवी गंगा की आकृति विशेष रूप से उल्लेखनीय है।बड़ी गुफा न० 29 यानि डुमर लीना, को सरल  गुफाओं में  से एक और कैलाश को पूरी तरह से विकसित मंदिरों में  से एक माना जाता है।



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गुफा न० २९ रावण कैलाश हिलाते हुए गुफा न० २९शिव पार्वती चौपड़ का खेल
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गुफा न० २९ कल्याणसूंदरमूर्ति गुफा २९ अंधकासुर वध
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गुफा न० २९ से २१ गुफा न० २१ रामेश्वरम
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गुफा १६(कैलाश) प्रवेश गुफा १६(कैलाश)
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गुफा १४


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बौद्ध गुफाएं

गुफा  1 से 12 बौद्ध गुफाएं हैं। गुफा 6 को सबसे प्राचीन गुफा माना जाता है, इसके बाद गुफा 5, गुफाएं 2, 3, 4  और फिर गुफाएं 11 और 12. गुफा 11 और 12 तीन मंजिला हैं और एलोरा में बौद्ध परिसर में नवीनतम उत्खनन माना जाता है । एलोरा तांत्रिक (वज्ररायन) बौद्ध  धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। हमें एलोरा में  हीनयान के अस्तित्व का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता है। हाँँ महायाान गुफाएँ है यहाँ ।  
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गुफा 9 गुफा 10
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गुफा 10 चैत्य गुफा 11
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गुफा 12 गुफा न० 2
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गुफा 10 गुफा 2
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गुफा 2 गुफा 1-9

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कुछ और फोटो नीचे दिए गए है
गुफा 16गुफा 16गुफा 21
गुफा 32गुफा 10हमारे 8 में से 6 सदस्य
अमृत मंथनगुफा 33गुफा 21

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ट्रेवल ब्लॉग के लिए मेरा यह ब्लॉग देखते रहिये।फिर मिलेंगे।

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