Monday, July 28, 2025

जमुई कोर्ट मंदिर सावन में शिव के धाम भाग -5

सावन में शिव के धाम पर एक सिरिज लिख रहा हूं। कई और शिव मंदिर के विषय में लिखने का मेरी इच्छा है। पर मैं उस शिव मंदिर को कैसे भूल सकता हूं जिससे मेरे बचपन की अनेकों यादें जुड़ी हैं। जमुई कोर्ट में स्थित है 100 वर्ष से भी प्राचीन मंदिर। हमारे पुश्तैनी मकान से कुछ ही दूर स्थित जमुई सिविल कोर्ट परिसर में तब कोई बाउंड्री नहीं थी। हम बच्चों का खेल का मैदान । जमुई स्टेशन से घर आते वक्त हमारा टमटम इसी परिसर हो कर गुजरता था। हम जमुई के हाई स्कूल भी इसी परिसर होकर जाते छठ में हम लोग कियूल नदी घाट भी इधर हो कर ही जाते। हमारा रास्ता तो बंद हो गया है, और अन्य रास्तों पर लगे हमेशा के अवरोध कोई नहीं हटाता।

इस शिव मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित है। कुछ मुर्तियां ताखों पर स्थापित है। एक पुराना हनुमान मंदिर भी है जहां ध्वजा भी स्थापित है। बरामदा चारों तरफ है और पहले उत्तर के तरफ एक चबूतरा बना था। अब कुछ और मुर्तियां भी स्थापित की गई है।



इस परिसर में ही हम लट्टू, गुल्ली डंडा, गोली (कंचे) खेलते। इस परिसर में एक पेड़ भी था। जिस पर अंधेरा होने पर भूत होने का वहम हम बच्चों को था और शाम होने पर हम दौड़ कर जाते हैं। और तो और कैंची हो कर सायकल चलाना भी मैंने यही सीखी। इसी परिसर में हैं एक बहुत प्राचीन शिव मन्दिर। बचपन में इस मंदिर में मोहल्ले के भजन कीर्तन होते रहते थे और मैं हमेशा झाल बजाने चला जाता था। परिवार के हर तरह के पुजा पाठ, विवाह के बाद गोर लगाई इत्यादि इसी मंदिर में होती आई है और अब भी होती है। मंदिर के बाउंड्री के पार मां लोग बरगद के नीचे वर पूजा के लिए जाती थीं‌। किसी बात पर गुस्सा होने पर और कभी कभी सुई के डर से छिपने की जगह भी थी यह। अब कई नए मंदिर पास में ही बन गया है पर इस मंदिर की बात अलग है। अब इस मंदिर की बाउंड्री गेट बन गई है और एक देवी मंदिर और यज्ञशाला भी बन गया है ‌। इस मंदिर के फर्श पर पहले जहांगीर लिखा होता था। हमारे ननिहाल कमला, बेगुसराय के कोई जहांगीर बाबा थे। शायद पुलिस में थे और उन्होंने ही इस मंदिर को बनवाया था। अब उनका नाम टाईल्स के नीचे दब गया है।

मैं अतीत की सुखद स्मृति में खो गया हूं। आइए हम वर्तमान में वापस चले। कुछ अन्य मंदिरों के बारे में कुछ और ब्लॉग ले कर फिर हाज़िर होऊंगा।

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