तीज का आशीर्वाद
हर बोझ नारियों पर डाला
हे राम ! तूने क्या कर डाला
पति का जीवन अछुन्न रहे
इसका व्रत भी करना उसको
पुत्र की आयु अनंत बढ़े
इसका व्रत भी रखना उसको
उनके जीवन के खातिर भी
क्यों कोई व्रत है नहीं बना
पति भी किसी दिन निर्जल सोए
क्यों ऐसा व्रत है नहीं बना
नौ महीने अपने अंदर पाले
पैदा करने का कष्ट सहे
पाले पोसे, वाणी भी दे
डगमग पग को रवानी भी दे
जब नारी पत्नी बन जाय कभी
आशीष भी पति जीवन का मिले !
सौभाग्यवती रहो!
क्या उसका जीवन कुछ भी नहीं?
गर पति है पत्नी का सुहाग
पत्नी भी है पति का सुभाग
किसी एक बिन जग है अंधियारा
संग दोनों चले तो है उजियारा
प्रभु बना रखे दोनों का साथ
यह है इस वृद्ध का आशीर्वाद!
अमिताभ सिन्हा, रांची
Amitabhsinha ; autobiography ; travelogue; events; history; film; Bollywood Hindi stories & Poetry; Amitabh's blog !
Tuesday, October 14, 2025
तीज पर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment