किसी अजनबी से मिलने पर उससे दोस्ती करने और उसकी हिचक दूर करना मेरी आदत में शामिल है। अक्सर उनके व्यवहार में तुरंत सार्थक परिवर्तन देखने को मिलता है। मैंने टैक्सी ड्राइवर के रैश चलाने की प्रवृत्ति में कमी देखी है। ड्राइवर का पेशा बहुत stressful होता हैं और किसी यात्री द्वारा मिली अपनापन की दवा उसे careful ड्राइविंग के लिए प्रेरित करती हैं। मैं अक्सर उनके परिवार या जिंदगी में की उनके struggle या तरक्की से बात शुरू करता हूं और वो अपनी कहानी या success के बारे में खुद ही बताना शुरू कर देता है और stress free होने लगता है। उसके driving और व्यवहार में आई गुणात्मक परिवर्तन आप महसूस करने लगते हैं।
भारत के हर प्रांत के लोगों के अंग्रेजी या हिंदी बोलने के अंदाज से पहचान हो जाती है वह किस प्रांत से है। बिहारी लोगो के बोली या बोलने के तरीके से मैं जान लेता हूं कि वह बिहार के किस क्षेत्र से है। बिहार में मुख्य चार बोलियां हैं। मगही (गया,पटना इत्यादि जगहों में बोली जाती है ), अंगिका (भागलपर और आस-पास), भोजपुरी (आरा, छपरा वैगेरह) और मैथिली (मिथिला क्षेत्र) । इन चारो के मिक्सचर से अन्यान्य जगहों की बोलियां बनती है। अक्सर मेहनत वाले पेशे में लगे बिहारी लोगो से मुलाकात होना आम बात है। और मैं अपने इस अनुभव का उपयोग उनसे दोस्ती गांठने में कर लेता हूं। दिल्ली क्षेत्र में हाल ही में बिल्डिंग के watchman ने किसी से फ़ोन पर कहा " कइसन छहो " और मैंने उससे पूछा बेगूसराय के छहो ? पता चला मेरी तरह उसका भी ननिहाल बेगूसराय ही है। बस एक दोस्ती की शुरुआत हो गयी। और अक्सर मेरा गेस सही होता है।
ऐसा ही कुछ कल हुआ । हम दोनों देवघर से कल रांची ट्रेन से लौटे और ट्रेन ४ बजे ही रांची पहुंच गयी। अब हम इस उम्र में चार चार सामान ले कर चलने से घबरा रहे थे और कोई बिल्लेवाला रेलवे कुली कही दिखा ही नहीं रहा था। तभी एक टीन एजर सा दिखने वाले लड़के ने हमारा सामान ले कर चलने का ऑफर किया। मै हिचकिचाया पर लड़का पहली नज़र ही एक अच्छा लड़का लगा और यह हिदायत करके कि ज्यादा तेज मत चलना हमने अपना सामान उसके हवाले कर दिया । चक्के वाले सूटकेस भी उसने सर पे रख लिया। क्योंकि हम प्लेटफार्म के दूसरे तरफ वाले लिफ्ट से जाना चाहते थे उसने १५०/- मांगे और मै ख़ुशी से तैयार हो गया। रास्ते में मैंने एक सूटकेस उससे ले लिया और उसे चक्के पर घसीटने लगा। मेरी उससे जो बातें हुई प्रस्तुत है। क्योंकि देखने से ही वह एक स्टूडेंट लग रहा था ।
मैंने पूछा :
पढ़ते हो ?
थोड़ा हिचका फिर बताया टेंथ में पढता हूँ।
उम्र कितनी है तुम्हारी ?
बीस साल।
देरी क्यों हुई टेंथ तक जाने में ?
घर के हालत ठीक नहीं था इसलिए स्कूल नहीं जा पाया तीन साल।
घर में कौन कौन है ?
माँ, पापा, बड़ा भाई, बड़ी बहन।
बहन की शादी हो गई ? नहीं।
और बड़ा भाई क्या करता है ?
ऑटो चलाता है।
और पापा ?
कुछ नहीं।
हम लोग लिफ्ट के पास पहुंच गए थे इसलिए थोड़ी देर बाद मैंने उससे बातों का सिलसिला जारी रखते हुआ पूंछा
किस स्कूल में पढ़ते हो ? उसने एक गवर्नमेंट स्कूल का नाम बताया।
तो एकदम सुबह यहाँ आ जाते हो तब जब रेलवे कुली नहीं आते ?
हाँ, एक दो घंटे सामान उठाता हूँ और फिर स्कूल जाने की तैयारी।
कितना कमा लेते हो ?
जितना किस्मत में होता है।
किस जगह से हो ? उसकी बोली में शहरीपन था और बिहार के किस क्षेत्र से हैं मै नहीं पकड़ पाया।
दरभंगा, पर यही पले बढ़े।
नाम क्या है ?
मै नाम नहीं दे रहा पता नहीं मेरा ये ब्लॉग कौन पढ़े और उसका यह गैर कानूनी रोजगार ख़त्म हो जाये। लेकिन वह एक वैसी जाति का लड़का था जिसके जाति के लड़के कुली का काम नहीं करते है।
बिहारियों की 'किसी तरह आगे बढ़ने', 'कोई भी काम बिना हिचक कर लेना', 'बचत करने' और लगन से काम करने की अच्छी आदतों ने उन्हें पूरे देश का मेहनत कश कौम बना दिया है। IIT , आईएएस में तो बिहारियों की अच्छी सख्या रहती ही है। यहाँ तक कि जो राज्य उन्हें दुत्कारते है , उनके बिना रह भी नहीं सकते। कोविड काल में तो किसी किसी जगह से उन्हें वापस लाने के लिए हवाई टिकट भेजने की भी समाचार आया था। अभी हाल में भी एक दक्षिणी राज्य ने अपने मंत्रियों को कुछ गलतफहमिया दूर करने बिहार भेजा। जब मैं एक हरियाणवी कंपनी में कार्यरत था, छठ में काम पूरी तरह बंद हो जाता था और हम उनके आने का इंतजार करते थे।
जीवन हो पतंग तो उड़ लेता हूं
जीवन गर जंग तो लड़ लेता हूं।
न कोई कौम बुरी होती है।
न कोई काम बुरा होता है
ईमान ओ धर्म से जो जी ले 'अमित'
मेरी मानो तो वो इंसान बड़ा होता है।
Inspiring story. And written in a very interesting voice.
ReplyDeleteEspecially loved the poem at the end
DeleteKhubsurat
ReplyDeleteDhanyawaad
Uncleji, kitne sunder rithi se aapne zindagi ke woh nazuk rishton ka sunder guldasta taiyaar kiya hai.
ReplyDeleteUncle ji aapko salaam.🙏
धन्यवाद, thankyou for your comments, views, likes, Amitabh (Author)
ReplyDeleteThank you for sharing
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