मै कई आनलाइन यात्री और घुमक्कड़ी ग्रुप का सदस्य हूं। और अक्सर इन शब्दों का अर्थ समझने की कोशिश कर रहा हूँ। ऐसे तो कहीं भी आना जाना एक यात्रा है, मैंने तो प्रभात यात्रा (morning walk) नाम से भी ब्लॉग लिखे हैं पर मेरे हिसाब से घूमने वालों के चार प्रकार होते है
१ पर्यटक
२ यात्री
३ घुमक्कड़ या घुमन्तु
४ यायावर
प्रसिद्द पर्यटक स्थल
पर्यटक यानि टूरिस्ट उन्हीं स्थानों पर जाते हैं जहां उनके जैसे और भी पर्यटक जाना पसंद करते है। यानि जिन जगहों में कोई नयापन न हो। ऐसी जगहों को ही कहते है Tourist places जहां जाने, ठहरने, घुमने के लिए सभी इंतजाम आसानी से मिल जाते है ऐसे ही पर्यटको के लिए Tourist Package का इंतजाम ट्रेवल एजेंट करते है।
यात्रा तीर्थ यात्रा - कावंर यात्रा , गया मेला यात्रा ,भोटो यात्रा नेपाल
यात्री परम्परिक रूप से यात्रा की जाती रही है। तीर्थ यात्रा एक उदहारण है। कुछ मौकों पर किया जाने वाले प्रोग्राम भी यात्रा कहा जाता है , जैसे चारधाम यात्रा , नेपाल का गाय यात्रा या मछेन्द्र नाथ यात्रा। जात्रा या जतरा कई प्रदेशों में कुछ त्योहारों को भी कहते हैं। हर यात्री traveller है पर हर traveller यात्री नहीं होता ।
घुमक्कड़ी कम प्रसिद्द जगहों की - लछुआर (बिहार ) लागेन्थॉल (स्विट्ज़रलैंड)
घुमक्कड़ घुमक्कड़ उसे कहते है जिसकी कोई खास मंज़िल न हो और वह नई नई जगह या पुरानी जगहों के नए नए रास्ते ढूंढ़ता रहे। घुमक्कड़ जगहों के सामाजिक आर्थिक, खान पान सभी चीज़ो को भी देखता है और मनन करता है।
नॉर्वे के रोमा और हिमांचल के गद्दी (यायावर)
यायावर यायावर यानि Nomads वह है जिसका कोई ठिकाना नहीं होता। उसको लौटने के लिए कोई घर नहीं होता। खानाबदोश लोग यायावर है। इनकी सारी संपत्ति इनके साथ ही होती है।
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