Monday, February 7, 2022

सरस्वतीपुत्री, स्वर कोकिला लता मंगेशकर 1929-2022 - श्रद्धांजलि


6 Feb 2022 !

आज सुबह उठा तो मन अशांत सा था । किसीसे बात तक करने की इच्छा नहीं थी। मै चुपचाप हीटर के पास बैठा था। रोज सुबह टी वी पर गाने सुनना मेरी रोज का रूटीन है पर आज मैने टी वी भी आॉन नहीं किया यू ही बैठा था कि अचानक रेडियो मे प्रसारित एक खबर ने मेरा ध्यान खींच लिया "स्वर कोकिला, भारत रत्न लता मंगेशकर का सुबह 8 बजे ..." दिल धक से रह गया । अभी परसो ही उनका वेंटिलेटर निकाला गया था पर कल उनकी हालत बिगड़ने लगी थी और करोड़ो भारत के या विदेश के लोगों की दुआ प्रर्थना शायद उनकी 28 दिनों की बीमारी में खर्च हो गए। एक दुखद समाचार था आज - लता मंगेशकर, हमारी लता दीदी की 92 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया, एक भारतीय सांस्कृतिक प्रतीक और राष्ट्रीय खजाना अचानक खो गया । कैसा संयोग है की आज सरस्वती पूजा का मूर्ति विसर्जन का दिन है और आज ही सरस्वती पुत्री भी हमें छोड़ गयी । लता जी का गया "ए मेरे वतन के लोगों " दिल को छू जीने वाला गीत है, और यह भी संयोग हैं की कवि प्रदीप जिन्होंने यह गीत लिखा उनका जन्म दिन भी आज ही है । भगवान लता दीदी की आत्मा को शांति दे और भगवद् चरणों में स्थान दे ।
बचपन से उनके गाने सुनता आ रहा हूँ , तब से जब मुझमें आवाज पहचानने की कोई काबिलियत नहीं थी और अक्सर मै लता जी और आशा जी के आवाज में फर्क नहीं कर पाता था । धीरे धीरे उनके गानों की मधुरता, उनके द्वारा किसी भी भाषा का सही सही उच्चारण - तलप्फुस और स्वर के साथ रिदम में उनकी प्रवीणता मेरे मन को मोहती चली गई।
पिता स्व दीनानाथ मंगेशकर नाटकों थियटरों में गाते थे और अभिनय करते थे और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक थे। दीनानाथ जी का जन्म मंगेशी गांव (गोवा) में हुआ था उनके पिता मंगेश मंदिर के पुजारी थे जबकि उनकी माता गोमांतक मराठा समाज (देवदासी) से थी । उनके नाम में हार्डिकर या अभिषेकी उप नाम लगता था पर दीनानाथ जी ने अपने गांव के नाम को ही अपना उपनाम बना लिया यानी मंगेशकर6 । कालांतर में दीनानाथ जी इंदौर आ गए । उन्होंने पहली शादी एक गुजरती से किया और उनकी पहली संतान थी लतिका पर वह जल्द ही दुनिया छोड़ गयी और उनकी पत्नी भी कुछ समय बाद । दीनानाथ जी ने दूसरी शादी अपनी पहली पत्नी के छोटी बहन से ही की और उनकी पहली संतान का नाम था हेमा लेकिन दीनानाथ उसे अपनी पहली संतान के नाम से ही बुलाते और हेमा बन गयी लता यानि लता मंगेशकर । ५ साल के उम्र में लता जी ने अपने पिता के संगीत नाटक में काम करना शुरू किया ।
पिता की मृत्यु के समय लता दीदी सिर्फ १३ वर्ष की थी । अपने ४ छोटे भाई बहनो की जिम्मेदारी लता जी के कंधे पर आ गयी । और इसी struggle ने हमें दे दिया एक अजूबा जो आगे जा कर कई ३६ भाषाओं में अपनी गायकी की छाप छोड़ने वालीं थी । कई छोटी भूमिकाएं भी की थी लता जी ने । पर उनके गाए ३०००० से भी ज्यादा solo , duet या कोरस गानों से उनका नाम गिनेस बुक दर्ज़ हो गया । भारत सरकार ने भी सबसे ऊँचे अवार्ड भारत रत्न से सम्मानित किया । वो दादा फालके सम्मान से भी सम्मानित थीं।

शुरूआत में कुछ ही फिल्मों में अभिनय भी किया लता ने पर उन्हें मेक अप, लाइटें पसंद नहीं थी और हद तो तब हो गई जब एक निर्देशक नें उन्हें भौवें काटने को कहा क्योंकी वह चौड़ी थी। पर शास्त्रीय रूप से प्रशिक्षित इस स्टार ने भारत के तेजी से बढ़ते फिल्म उद्योग में "पार्श्व गायिका" के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की, लगभग आधी सदी तक फैले करियर के दौरान बॉलीवुड के लिप-सिंकिंग फिल्म सितारों को गायन की आवाज प्रदान की। शुरू में लता जी ने नूरजहाँ के जैसा गया पर बाद में उनका अपना एक अंदाज़ उभर कर आया । मधुबाला से माधुरी दीक्षित सभी प्रसिद्ध या कम प्रसिद्ध सितारो को आवाज दी। भजन हो, देशभक्ति का गीत हो रोमांटिक गीत हो, शास्त्रिय हो या बौलीवुड कोई सभी तरह के गाने गाए है इन्होनें फिल्मों के लिए पहला गाना गाया था " नाचू या गड़े खेलू सारी मनी हौस भारी" जो 1942 के एक मराठी फिल्म के लिए था । उनका अंतिम रिकार्ड 2019 में गाया एक देशभक्ति गीत है "सौगंध मुझे इस मिट्टी की" । लता जी की किस्मत तब पलटी जब 1949 में बनी फिल्म महल के लिए प्रसिद्ध गाना गाया "आएगा आने वाला"।
लेकिन वह अपनी आवाज से कहीं ज्यादा थी। लता मंगेशकर क्रिकेट के दीवानी थी और मुंबई में होने वाली मैचों में BCCI उनके लिए दो सीट अवश्य रिजर्व रखती थी। अच्छी कारों का शौक था उन्हें और था वेगास की स्लॉट मशीनों के लिए प्यार। उन्होंने बॉलीवुड के कुछ सबसे चमकीले सितारों - और कम से कम एक बीटल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भी काम किया।
वह कभी औपचारिक रूप से शिक्षित नहीं हुई। एक नौकरानी उसे मराठी वर्णमाला सिखाती थी, और एक स्थानीय पुजारी उसे संस्कृत पढ़ाता था, जबकि रिश्तेदार और शिक्षक उसे घर पर अन्य विषय पढ़ाते थे।
पहला फ़िल्मी गण उन्होंने १९४२ में गाए (पहला हिंदी गाना १९४३ में) अगले 6 दशकों में, उन्होंने पाकीज़ा, मजबूर, आवारा, मुगल ए आज़म, श्री 420, आराधना और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, जैसी फिल्मों में यादगार और लोकप्रिय गाने गाए जब उन्होंने 1962 में चीन के साथ विनाशकारी युद्ध में मारे गए भारतीय सैनिकों के लिए एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि ये मेरे वतन के लोग गाया, तो भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक जनसभा में आंसू बहाए। उन्होंने राज कपूर और गुरु दत्त से लेकर मणिरत्नम और करण जौहर तक, बॉलीवुड के हर प्रमुख निर्देशक के साथ काम किया। उन्होंने अपनी बहन के साथ - एक अन्य प्रमुख पार्श्व गायिका, आशा भोसले - के साथ भी प्रदर्शन किया, उनके समानांतर करियर के बावजूद भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता के किसी भी संकेत से परहेज किया। लता मंगेशकर मोहम्मद रफ़ी जैसे शीर्ष पुरुष गायकों को चुनौती देने के लिए पर्याप्त थी , जिन्होंने दावा किया था कि संख्या में अधिक गायन क्रेडिट हैं, और पहली महिला गायिका थीं जिन्होंने बेहतर वेतन और रॉयल्टी की मांग की थी।
उनके जूनून
उन्हें मोजार्ट, बीथोवेन, चोपिन, नेट किंग कोल, द बीटल्स, बारबरा स्ट्रीसंड और हैरी बेलाफोनेट को सुनने में मज़ा आता था । वह मार्लिन डिट्रिच को मंच पर गाते हुए देखने गई थीं और उन्हें इंग्रिड बर्गमैन का थिएटर पसंद था। उन्हें फिल्मों में जाना भी पसंद था - उनकी पसंदीदा हॉलीवुड फिल्म द किंग एंड आई थी, जिसके बारे में उन्होंने एक बार कहा कि उन्होंने कम से कम 15 बार देखा, और बारिश में गाना गाया। जेम्स बॉन्ड की फिल्में - या कम से कम सीन कॉनरी या रोजर मूर की विशेषता वाली फिल्में भी पसंदीदा थीं। कारों का भी जुनून था उन्हें । अपने जीवन के विभिन्न बिंदुओं पर उनके पास एक ग्रे हिलमैन और नीली शेवरलेट, क्रिसलर और एक मर्सिडीज थी। घर में उसके पास नौ कुत्ते थे। मंगेशकर एक उत्साही क्रिकेट प्रशंसक थी , अक्सर टेस्ट मैच देखने के लिए रिकॉर्डिंग से ब्रेक लेती थी, और डॉन ब्रैडमैन की एक हस्ताक्षरित तस्वीर के मालिक होेने पर गर्व भी करती थी । पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 2014 में बॉलीवुड की दिग्गज पार्श्व गायिका लता मंगेशकर को एक ऑटोग्राफ वाली जर्सी भेंट की थी । ICC world cup semi final में हार के बाद जब धोनी के रिटायरमेंट का कयास लगाया जा रहा था तब दीदी ने धोनी को एक व्यक्तिगत ट्वीट कर ऐसा न करने की सलाह दी थी।
मैं कुछ गानों के लिस्ट दे रहा हूँ जो मुझे पसंद हैं
उनका चिरस्थायी संगीत निश्चित रूप से लाखों भारतीयों के लिए खुशी लेकर आया और उनके जीवन का "ध्वनि बन गया"। मैं कुछ गानों के लिस्ट दे रहा हूँ जो मुझे पसंद हैं

1949
आएगा आने वाला संगीत खेमचंद प्रकाश फिल्म महल १९४९
ऐ दिल तुझे कसम हैं संगीत नौशाद फिल्म दुलारी १९४९
लारे लप्पा लारे लप्पा लारे राख्दा, अजी टप्पा संगीत विनोद फिल्म एक थी लड़की १९४९
चले जाना नहीं संगीत हुस्नलाल भगतराम फिल्म बड़ी बहन १९४९
डर न मोहब्बत कर ले संगीत नौशाद फिल्म अंदाज़ १९४९
जिया बेक़रार हैं छाई बहार है संगीत शंकर जयकिशन फिल्म बरसात 1949
हवा में उड़ता जाये मेरा लाल दुपट्टा संगीत शंकर जयकिशन फिल्म बरसात 1949
1950's
तू गंगा की मौज़ मैं जमुना -संगीत नौशाद फिल्म बैजू बावरा १९५२
ऐ शाम की तन्हाईया ऐसे में तेरा गम संगीत शंकर जयकिशन फिल्म आह १९५३
राजा की आएगी बारात संगीत शंकर जयकिशन फिल्म आह १९५३
ऊँचे ऊँचे दुनिया की दीवारे सैयां तोड़ के संगीत हेमंत कुमार फिल्म नागिन १९५४
चमका चमका सुबह - संगीत C रामचंद्र फिल्म सुबह का तारा १९५५
जिसे तू कबूल कर ले वह अदा कहाँ से लाऊ संगीत सचिन देव बारमैन फिल्म देवदास १९५५
प्यार हुआ इक़रार हुआ , इचक दाना बीचक दाना संगीत शंकर जयकिशन फिल्म श्री ४२० १९५५
ऐ रात भींगी भींगी फिल्म संगीत शंकर जयकिशन फिल्म चोरी चोरी १९५६
कैसे आऊँ जमुना के तीर संगीत C रामचंद्र फिल्म देवता १९५६
बोल री कठपुतली डोरी संगीत शंकर जयकिशन फिल्म कठपुतली १९५७
औरत ने जनम दिया मर्दों को संगीत दत्ता नायक फिल्म साधना १९५८
आज रे परदेशी संगीत सलिल चौधरी फिल्म मधुमती १९५८
मेरे मन का बावरा पंछी संगीत C रामचंद्र फिल्म अमरदीप १९५८
जाना था हमसे दूर , उनको ये शिकायत हैं संगीत मदन मोहन फिल्म अदालत १९५८
1960's
अजीब दास्ताँ हैं यह संगीत शंकर जयकिशन फिल्म दिल अपना और प्रीत पराई १९६०
तेरी महफिल में, प्यार किया तो डरना क्या- संगीत नौशाद फिल्म मुगले आज़म 1960
ढूंढो ढूंढो रे सजना मोरे कान का बाला, घूँघरवा मोरा झनन झनन, दगाबाज़ रे, दो हंसों का जोड़ा - संगीत नौशाद फिल्म गंगा जमुना १९६१
अल्लाह तेरो नाम संगीत जयदेव फिल्म हमदोनो १९६१
तुझे जीवन के डोर से, लाख झुपाओं संगीत शंकर जयकिशन फिल्म असली नक़ली १९६२
आपकी नज़रो ने समझा संगीत मदन मोहन फिल्म अनपढ़ १९६२
मैं तो तुम संग नैन मिला के, चंदा जा संगीत मदन मोहन फिल्म मनमौजी १९६२
वो जब याद आये संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल फिल्म पारसमणि १९६३
जो वादा किया संगीत रोशन फिल्म ताजमहल १९६३
देखो रूठा न करो, तेरे घर के सामने, यह तन्हाई हाई संगीत SD बर्मन फिल्म तेरे घर के सामने १९६३
तेरे प्यार में दिलदार, अल्ला बचाये, मेरे मेहबूब तुझे - संगीत नौशाद फिल्म मेरे मेहबूब १९६३
आ जा आई बहार, नाच रे मन संगीत शंकर जयकिशन राजकुमार १९६४
हर दिल जो प्यार, ओ मेरे सनम, बुढ्ढा मिल गया संगीत शंकर जयकिशन फिल्म संगम १९६४
लग जा गले, नैना बरसे, जी हमने दास्ताँ संगीत मदन मोहन फिल्म वो कौन थी १९६४
अजी रूठ कर, बेदर्दी बलमा संगीत शंकर जयकिशन फिल्म आरज़ू १९६५
दिल जो न कह सका संगीत रोशन फिल्म भींगी रात १९६५
परदेशियों से, ऐ समां समां हैं प्यार का संगीत कल्याण जी आनंद जी फिल्म - जब जब फूल खिले १९६५
तू जहाँ जहाँ चलेगा , नैनो वाली ने, नैनों में बदरा छाये संगीत मदन मोहन फिल्म मेरा साया १९६६
सावन का महीना, हम तुम युग युग से, बोल गोरी बोल संगीत लक्ष्मी प्यारे फिल्म - मिलन १९६७
दिल विल प्यार व्यार, कान्हा आन परो, रुक जा ऐ हवा, वो हैं ज़रा संगीत लक्ष्मी प्यारे फिल्म शागिर्द 1967
सात समंदर पर से - संगीत LP फिल्म तक़दीर १९६७
दिल की गिरह खोल दे , रात और दिन, संगीत शंकर जयकिशन फिल्म रात और दिन १९६७
चन्दन सा बदन, मैं तो भूल चली, फूल तुम्हें भेजा हैं संगीत कल्याणजी आनंदजी फिल्म सरस्वती चंद्र १९६८
कैसे रहू चुप - संगीत लक्ष्मी प्यारे फिल्म इन्तेक़ाम १९६९
बिंदिया चमकेगी, छुप गए सारे नज़ारे- संगीत लक्ष्मी प्यारे फिल्म दो रास्ते १९६९
1970's
मोसे मेरा श्याम रूठा, बबूल प्यारे संगीत कल्याणजी आनंदजी फिल्म जॉनी मेरा नाम १९७०
सुन जा ऐ ठंडी, दिलवर जानी चली हवा मस्तानी - संगीत लक्ष्मी प्यारे फिल्म हाथी मेरे साथी १९७१
बीती न बिताये रैना संगीत RD बर्मन फिल्म परिचय १९७२
चलते चलते, इन्ही लोगों ने, ठाड़े रहियो संगीत गुलाम मोहम्मद फिल्म - पाकीज़ा १९७२
रूठे रूठे पिया संगीत सलिल चैधरी फिल्म - कोरा कागज़ १९७४
करवटें बदलते रहे संगीत RD बर्मन फिल्म आपकी कसम १९७४
ये रातें नयी पुरानी राजेश रोशन फिल्म जूली १९७५
सलामे इश्क़ संगीत कल्याणजी आनंद जी फिल्म - मुकद्दर का सिकंदर १९७८
मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है, आपकी महकी हुई ज़ुल्फ़- संगीत खैय्याम फिल्म तृसूल १९७८
1980-90s
मैं सोलह बरस की संगीत LP फिल्म क़र्ज़ १९८०
ज़िन्दगी का न टूटे लड़ी संगीत LP फिल्म क्रांति १०८०
मेरे नसीब में -संगीत LP फिल्म नसीब १९८१
तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया संगीत RD बर्मन फिल्म कुदरत १९८१
फिर छिड़ी रात संगीत खैय्याम फिल्म बाजार १९८२
यशोदा का नंदलाला संगीत LP फिल्म संजोग १९८५
कागज़ कलम दवात ला संगीत LP फिल्म हम १९९२
दुश्मन न करे दोस्त संगीत राजेश रोशन फिल्म आखिर क्यों १९८५
ज़िन्दगी हर कदम संगीत LP फिल्म मेरी जंग १९८५
सागर किनारे संगीत RD बर्मन फिल्म सागर १९८५
यारा सिली सिली संगीत भूपेन हज़ारिका फिल्म रुदाली १९९३
सुन साहिबा सुन संगीत रविंद्र जैन फिल्म राम तेरी गंगा मैली १९८५
ज़िहाले मस्ती मकुन बराबजीश संगीत LP फिल्म ग़ुलामी १९८५
दिल दीवाना बिन सजाना के संगीत राम लक्ष्मण फिल्म मैंने प्यार किया १९८९

कुछ और गाने याद आए तो add करता रहूंगा

2 comments:

  1. शानदार असरदार अद्वितीय लेखनी पढ़ कर मन गदगद हो गया ।
    बस्सी

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    1. बहुत आभार बस्सी। धन्यवाद।

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